मित्रों दिल्ली हाईकोर्ट में बुधावार को डीयू प्रशासन ने कहा था कि ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा आयोजित करने का उद्देश्य छात्रों को कोविड-19 महामारी के समय में सामाजिक दूरी के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। डीयू प्रशासन ने कहा कि सामान्य परीक्षा आयोजित करके एक हॉल में छात्रों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करना बेहद मुश्किल है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के समक्ष डीयू की ओर से पेश वकील सचिन दत्ता ने कहा कि ओबीई के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, चूंकि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने ओबीई आयोजित करने की अनुमति दी है और इस संबंध में सुनवाई जारी है। उन्होंने को कोरोना महामारी के समय में सामाजिक दूरी के प्रावधानों को लागू करना सबसे ज्यादा जरूरी है। पीठ ने डीयू, यूजीसी, याचिकाकर्ताओं और हस्तक्षेपकर्ता की दलीलें सुनने के बाद इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान डीयू के वकील ने कहा कि ओबीई में शामिल होने के लिए छात्रों को बेहद उच्च तकनीक की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा में शामिल होने के लिए एक ईमेल होना भी पर्याप्त होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो छात्र इस परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते या परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते, उनके लिए सितंबर में सामान्य परीक्षा आयोजित की जाएगी।
English Translations :--
The DU administration had said on Wednesday in the Friends Delhi High Court that the purpose of conducting online open book examination has been done keeping in mind the guidelines of social distance to the students during the time of Kovid-19 epidemic. The DU administration said that it is extremely difficult to observe social distance between students in a hall by conducting a general examination.
Counsel Sachin Dutta, appearing for DU before Justice Pratibha M. Singh, said that the petition challenging the OBE's decision is not hearsay, as the Division Bench of the High Court has allowed the OBE to be held and hearing in this regard is going on . He said it is most important to implement the provisions of social distance in times of Corona epidemic. The bench reserved its decision on this petition after hearing the arguments of DU, UGC, petitioners and intervener.
During the hearing, DU's lawyer said that students would not need extremely high technology to join OBEs. He said that it would be sufficient to have an email to appear in the exam. Along with this, he said that for those students who do not want to appear in this examination or can not appear in the examination, a general examination will be held in September.
Bengali Translations :--
Delhiাবির প্রশাসন বুধবার ফ্রেন্ডস দিল্লি হাইকোর্টে বলেছিল যে কোভিড -১৯ মহামারীর সময়ে শিক্ষার্থীদের সামাজিক দূরত্বের দিকনির্দেশনা মাথায় রেখে অনলাইন উন্মুক্ত বই পরীক্ষা করার উদ্দেশ্য করা হয়েছে। Uাবির প্রশাসন বলেছিল যে একটি সাধারণ পরীক্ষা করে একটি হলে শিক্ষার্থীদের মধ্যে সামাজিক দূরত্ব পালন করা অত্যন্ত কঠিন।
বিচারপতি প্রতিভা এম সিংয়ের সামনে Uাবির পক্ষে হাজির হয়ে পরামর্শক শচীন দত্ত বলেছেন, ওবিইর সিদ্ধান্তকে চ্যালেঞ্জ জানানো আবেদনটি শুনানি নয়, কারণ হাইকোর্টের ডিভিশন বেঞ্চ ওবিইকে রাখার অনুমতি দিয়েছে এবং এ বিষয়ে শুনানি চলছে। । তিনি বলেছিলেন যে করোনার মহামারীর সময়ে সামাজিক দূরত্বের বিধানগুলি কার্যকর করা সবচেয়ে গুরুত্বপূর্ণ। Uাবি, ইউজিসি, আবেদনকারী এবং হস্তক্ষেপকারীদের যুক্তিতর্ক শুনানি শেষে বেঞ্চ এই আবেদনের বিষয়ে সিদ্ধান্ত সংরক্ষণ করে।
শুনানির সময় Dাবির আইনজীবী বলেছিলেন যে শিক্ষার্থীদের ওবিইতে যোগ দিতে চূড়ান্ত উচ্চ প্রযুক্তির প্রয়োজন হবে না। তিনি বলেছিলেন যে পরীক্ষায় অংশ নেওয়ার জন্য একটি ইমেল থাকা যথেষ্ট হবে। এর সাথে তিনি বলেছিলেন যে শিক্ষার্থীরা এই পরীক্ষায় অংশ নিতে চান না বা পরীক্ষায় অংশ নিতে পারবেন না তাদের জন্য সেপ্টেম্বরে একটি সাধারণ পরীক্ষা অনুষ্ঠিত হবে।
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