ट्रंप सार्वजनिक कार्यक्रमों में वापसी के लिए तैयार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोविद -19 के लिए उपचार का एक कोर्स पूरा कर लिया है और इस सप्ताह के अंत में सार्वजनिक अवसरों पर लौट सकते हैं। यह जानकारी उनके स्वास्थ्य चिकित्सक का उपयोग करके दी गई है।
बीबीसी की फाइल के अनुसार, डॉ। सीन कॉनले ने कहा कि दवा का राष्ट्रपति पर अविश्वसनीय प्रभाव पड़ा और उनकी परिस्थिति मजबूत हो गई।ट्रम्प बाद के गुरुवार (गुरुवार) को डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के साथ टीवी डिबेट से पहले ही बदल गए क्योंकि आयोजकों ने इसे डिजिटल ईवेंट के रूप में प्रदान करने की बात की।
आयोजकों के फैसले ने इस बात पर बहस छेड़ दी है कि यह अवसर कब और कैसे क्षेत्र में ले जाएगा।
गुरुवार रात व्हाइट हाउस की सहायता से जारी एक ज्ञापन में, डॉ। कॉनले ने कहा कि ट्रम्प ने बीमारी के कोई संकेत और लक्षण की पुष्टि नहीं की।ज्ञापन में कहा गया है, शनिवार को 10 वां दिन हो सकता है क्योंकि अंतिम प्रभावी रिपोर्ट (गुरुवार) और उन्नत निदान समूह पर आधारित व्यवहार कर रहा है, मैं एक दावे के साथ कह सकता हूं कि राष्ट्रपति सार्वजनिक कार्यों पर लौट सकते हैं।
इससे पहले, डॉ। कॉनले ने कहा था कि यदि राष्ट्रपति की स्थिति पूरे सप्ताह और सोमवार को किसी न किसी स्तर पर समान बनी रही, तो हम सभी राहत की गहरी और गहरी सांस लेंगे।शुल्क, जिसने गुरुवार 15 अक्टूबर को मियामी में एक दूसरे राष्ट्रपति की बहस आयोजित की, ने कहा कि इसे दूरस्थ रूप से आयोजित करना बेहतर होगा, क्योंकि ट्रम्प के कोरोनावायरस पर एक नज़र डालते हैं यहां ठीक मिला।
जवाब में, ट्रम्प ने कहा कि वह डिजिटल बहस में अपना समय बर्बाद नहीं करने जा रहा है।
तत्काल, ऐसा लगता है कि विवाद 22 अक्टूबर को आयोजित किया जा सकता है, भले ही आगे की योजना पर एक विकल्प बनाया जाना बाकी है।
प्रेसिडेंशियल डिबेट 29 सितंबर को पहली बार लटका दिया गया। उसी समय, माइक पेंस और कमला हैरिस के बीच उपराष्ट्रपति ने बुधवार रात बहस की।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव तीन नवंबर को निर्धारित है। न्यू ओपिनियन पोल ने पुष्टि की कि बिडेन एक रेटिंग के साथ राज्य का नेतृत्व कर रहा है, लेकिन परिणाम नियमित रूप से युद्ध के मैदानों में तय किया जाता है।
मनसे-एसकेपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) विश्वास के संकट का सामना कर रहा है और इस पर ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री ने चार मिनट के वीडियो संदेश में यह बात कही। यह संदेश संयुक्त राष्ट्र महासभा की 75 वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को सुबह तीन बजे संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय से लाइव प्रसारण में बदल गया ।
मोदी का यह संदेश पहले से रिकॉर्ड में बदल गया। उंहोंने कहा, "हम पुराने गैजेट के साथ नवीनतम मांग स्थितियों को पूरा नहीं कर सकते । यदि आवश्यक सुधार अब नहीं होते हैं, तो संयुक्त राष्ट्र में विश्वास क्षीण होने का खतरा है । उन्होंने कहा कि आधुनिक समय का ग्लोबल आपस में जुड़ा हुआ है, इसलिए हमें एक बहुपक्षीय गैजेट की जरूरत है जिसमें आज का तथ्य देखा जाए तो सभी की आवाज सुनी जाती है, जो वर्तमान समय से मांग करने वाली स्थितियों के साथ पेश हो और मानव कल्याण की विशेषता बना रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस राह पर सभी देशों के साथ सामूहिक रूप से पेंटिंग करने के लिए तैयार है ।
मोदी जी यूएन की तारीफ भी की
मोदी ने यूएन को आईना की पुष्टि की और इसकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भारत के विचारण वासुधिव कुटुंबकम पर विचार किया है। यह सोच इस क्षेत्र को अपने परिवार के रूप में देखने के बारे में है । आज संयुक्त राष्ट्र के कारण दुनिया एक बेहतर स्थान है । हम उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने शांति और विकास के लिए परिश्रम किया । भारत ने इस पर आगे योगदान दिया।
मोदी ने कहा, आज हम जो पेंटिंग्स कर रहे हैं, वे साधारण हो रहे हैं, लेकिन लड़ाई को रोकने, विकास का निर्धारण, मौसम परिवर्तन, असमानता कम करने और डिजिटल पीढ़ी का लाभ लेने जैसे मुद्दों पर अधिक चित्रों की इच्छा है ।
महासभा का स्पेशल सेशन शुरू
संयुक्त राष्ट्र की ७५वीं वर्षगांठ पर एक अनूठे सत्र का उल्लेख किया गया है । इसकी वर्चुअल असेंबली सोमवार से शुरू हो गई है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र के आवेदन कोरोना महामारी की वजह से आभासी जा रहे हैं । इसमें सभी राष्ट्रों के प्रमुख वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कलेक्शन से निपटेंगे।
भारत यूएन सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है
भारत इस वर्ष जून में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में निर्वाचित हुआ । महासभा के भीतर कंबल वाले १९३ अंतरराष्ट्रीय स्थानों में से १८४ अंतरराष्ट्रीय स्थानों ने भारत का समर्थन किया । भारत को 2 साल के लिए प्रोविजनल मेंबर चुना गया है। आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे को भारत के साथ-साथ अनंतिम योगदानकर्ता चुना गया । भारत 1950-51, 1967-68, 1972-७३, 1977-७८, 1984-८८, 1991-92 और 2011-12 में संयुक्त राष्ट्र महासभा का पहले से निर्वाचित अनंतिम सदस्य था ।
मित्रों इस विडिओ को भी देखे और जय हिंद बोलिये :
सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 15 देशों की पूरी तरह से काम कर रहे हैं । इसमें पांच स्थायी योगदान है। ये अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन हैं। 10 देशों को अस्थायी क्लब दिया गया था । हर 12 महीने में पांच अस्थायी व्यक्ति चुने जाते हैं । क्षणिक योगदानकर्ताओं का कार्यकाल वर्षों का होता है।
माइनस 80 डिग्री सेल्सियस में सुरक्षित रखना होगा कोरोना का टीका
कोरोना को हराने के लिए दुनिया में 170 टीके चल रहे हैं। इनमें से 30 क्लीनिकल ट्रायल में हैं। एक बार टीका सफल होने के बाद इसे लोगों तक सुरक्षित पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती होगी। यही वजह है कि कोविद-19 टीकों को माइनस 80 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जाएगा ताकि वे सुरक्षित रहें।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इतना ठंडा तापमान सिर्फ दक्षिणी ध्रुव में होता है। हालांकि स्टोरेज कंपनियों की कोशिश है कि जो भी वैक्सीन बनाई जाएगी, उसे लोगों तक सुरक्षित पहुंचाया जाएगा। वर्तमान में अमेरिकी फार्मा कंपनियां मॉडर्ना और फाइजर, जर्मन कंपनियां बायोएंटेक और क्यूरवैक मैसेंजर आरएनए बेस्ड टीकों पर काम कर रही हैं ।
फुटबॉल के मैदान जितनी बड़ी स्टोरेज फैसिलिटी तैयार
दूसरी ओर, अमेरिकी लॉजिस्टिक्स कंपनी यूपीएस ने नीदरलैंड में फुटबॉल के मैदान के रूप में बड़े रूप में एक भंडारण सुविधा का निर्माण किया है । दर्जनों फ्रीजर हैं, दो मीटर ऊंचे हैं, जो तापमान को माइनस ८० डिग्री तक रख सकते हैं । कोविद- 19 टीके यहां रखे जाएंगे। यहां से ही लोगों को टीके वितरित किए जाएंगे।
टीके पहुंचाने के लिए विशेष शीशियां तैयार की जा रही हैं, जो इतनी ठंड बर्दाश्त कर सकती हैं। कोरोना के टीकों को सुलभ बनाने के लिए डीप फ्रीजर के साथ विमान, ट्रक और वेयरहाउस तैयार करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
एक फ्रीजर में वैक्सीन के 48,000 डोज रखे जा सकते हैं
यूपीएस हेल्थकेयर के प्रमुख अनुक हेसेन बताते हैं, ' जर्मनी और अमेरिका में यूपीएस एयर कार्गो के पास ऐसे केंद्र बनाए जा रहे हैं । जहां करीब 600 फ्रीजर रखे जाएंगे। ऐसा ही एक फ्रीजर वैक्सीन की ४८,००० डोज पकड़ सकता है । एक पीपीई किट पहने बिना इन फ्रीजर खेतों में काम नहीं कर सकता । कर्मचारियों को सही गियर, दस्ताने, चश्में आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। उनके बिना इतने ठंडे तापमान में कोई नहीं चल पाएगा।
96 घंटे तक इंसुलेटेड डिब्बों में बर्फ के साथ रखे जा सकेंगे
हेसेन बताते हैं, जब टीके की मांग होगी तो फिर उन्हें सूखी बर्फ के साथ रिलेटेड कंटेनरों में पैक किया जाएगा । इन डिब्बों में 96 घंटे तक वैक्सीन को सही तापमान पर रखा जा सकता है। जिन कमरों में उन्हें पैक किया जाएगा, वहां तापमान माइनस 20 डिग्री जितना कम रखा जा सकता है। इसके बाद पैकेज्ड वैक्सीन कोचों को विमान से दुनिया के किसी भी छोर तक पहुंचाया जाएगा ।
(द न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत)
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को रिसिन जहर
हाल के दिनों में अमेरिकी जांच एजेंसियों के मुताबिक, रेजिन नामक खतरनाक रसायनों वाले लिफाफे व्हाइट हाउस और कुछ विभागों को भेजे गए थे । व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा-जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या व्हाइट हाउस या अन्य विभागों को भी कुछ अन्य खतरनाक रासायनिक लिफाफे भेजे गए हैं । अधिकारियों का मानना है कि इस साजिश को अंजाम देने के लिए स्थानीय डाक व्यवस्था का इस्तेमाल किया गया है।
एक महिला पर शक
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, जांच एजेंसियों को शक है कि ये लिफाफे कनाडा से भेजे गए हैं। एक महिला की पहचान संदिग्ध के रूप में हुई है । हालांकि उसका नाम उजागर नहीं किया गया है। सभी लिफाफे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम से भेजे गए हैं। टेक्सास में एक जांच के दौरान उन्हें खोजा गया । दरअसल, व्हाइट हाउस के लिए सभी आने वाले मेल बारीकी से छानबीन की है । छंटनी के बाद ही उन्हें व्हाइट हाउस भेजा जाता है। जांच के दौरान कुछ लिफाफों पर शक हुआ।
टेरेरिज्म टास्क फोर्स कर रही है जांच
इस मामले की जांच वाशिंगटन में संयुक्त आतंकवाद टास्क फोर्स को सौंपी गई है । न्यूयॉर्क पुलिस की स्पेशल यूनिट जांच एजेंसी की मदद करेगी । आज तक रेजिन युक्त लिफाफों को किसी आतंकी संगठन से नहीं जोड़ा गया है। हालांकि यह जांच की शुरुआती अवधि है। एक अधिकारी ने कहा- हम ठोस तौर पर कुछ नहीं कह सकते। एफबीआई ने भी इस बारे में एक बयान जारी किया । कहा- हम यूएस सीक्रेट सर्विस और यूएस पोस्टल इंस्पेक्शन सर्विस की मदद से जांच कर रहे हैं। लोगों को कोई खतरा नहीं है।
पहले भी ऐसी घटनाएं हुईं
जांच एजेंसियों को कुछ सुराग मिले हैं। हालांकि उनकी जानकारी मीडिया को नहीं दी गई है। इसी तरह के लिफाफे २०१८ में रक्षा मंत्री जिम मैटिस को भेजे गए थे । जांच के बाद पूर्व नौसेना अधिकारी सिल्दे इलीन को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा इलीन ने कुछ अन्य अधिकारियों को भी इसी तरह के लिफाफे भेजे। उसका केस कोर्ट में चल रहा है। २०१३ में, एक मिसिसिपी व्यक्ति ने तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा और एक रिपब्लिकन सीनेटर को लिफाफे युक्त रेजिन भेजे । बाद में शैनन रिचर्डसन नाम की एक महिला को 18 साल की सजा सुनाई गई।
MODI JI KE HAPPY BIRTHDAY
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 70 वां जन्मदिन है। उन्हें विदेश से शुभकामनाओं की लहर मिली है। सोशल मीडिया पर लोग उनकी लंबी उम्र की कामना कर रहे हैं। उन्हें कई देशों के नेताओं से जन्मदिन की बधाई मिली है। इसी समय, भाजपा देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसके अलावा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई दी है।राहुल ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी
Wishing PM Narendra Modi ji a happy birthday.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 17, 2020
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इच्छा
फिनलैंड के प्रधानमंत्री सना मारिन ने बधाई दी
नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने बधाई दी
अमित शाह ने दी बधाई
राष्ट्रसेवा और गरीब कल्याण के प्रति समर्पित देश के सर्वप्रिय नेता प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं।
— Amit Shah (@AmitShah) September 17, 2020
मोदी जी के रूप में देश को एक ऐसा नेतृत्व मिला है जिसने लोक-कल्याणकारी नीतियों से वंचित वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा और एक मजबूत भारत की नींव रखी।
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भाजपा पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित कर रही है
इसके साथ ही इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। पार्टी कार्यकर्ता सेवा सप्ताह उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों में मनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री के 70 वें जन्मदिन पर भाजपा आज सेवा कार्य करते हुए तिपहिया साइकिल वितरित करेगी। वहीं, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 17 से 25 सितंबर तक एमपी आदर्श गांवों में सड़कों के निर्माण और मरम्मत के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। भाजपा का महिला मोर्चा राज्य के कई जिलों में फल वितरित करेगा।
वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गुरुवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे इस पवित्र कार्य को बचाने के लिए कर रहे हैंदूसरे का जीवन।
बिहार में, प्रधानमंत्री के जन्मदिन को 'सेवा सप्ताह' के रूप में मनाया जाएगा। उनके 70 वें जन्मदिन के अवसर पर, न केवल बिहार बल्कि पूरा देश सार्वजनिक सेवा के माध्यम से प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाएगा। कार्यक्रम 20 सितंबर तक आयोजित किए जाएंगे। इस अवधि के दौरान, गरीब कल्याण, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता से संबंधित कई कार्य किए जा रहे हैं।
गुजरात में प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर योजनाओं का शुभारंभ करेंगे
गुजरात सरकार ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 70 वें जन्मदिन को मनाने के लिए गुरुवार को राज्य में कई समर्थक जन योजनाओं और विकास परियोजनाओं की शुरुआत की जाएगी।
सरकार ने बुधवार को एक बयान में कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, राज्यपाल आचार्य देवव्रत और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की उपस्थिति में, गांधी से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इन योजनाओं और परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे गांधीनगर।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली से डिजिटल समारोह में भाग लेंगे। वह गांधीनगर के लिए जल आपूर्ति परियोजना के ई-भूमि पूजन समारोह में भाग लेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य के मंत्री, विधायक और अन्य नेता राज्य के सभी 33 जिलों में 70 अलग-अलग स्थानों से समारोह में भाग लेंगे, जिसमें खेती और जलापूर्ति योजनाओं सहित कई योजनाओं का शुभारंभ किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र, 17 सितंबर (आईएएनएस)।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान से अपने मतभेदों को सुलझाने और सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ने का आह्वान किया है।
उन्होंने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तानी रिपोर्टर के सवाल को खारिज कर दिया, जिसमें पत्रकार ने पूछा था कि भारत कश्मीर में जनसांख्यिकीय परिवर्तन कर रहा है। गुटेरेस द्वारा पिछले साल दिए गए एक बयान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने जो पहले कहा था उस पर कायम हूं, मैं कहूंगा कि आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक तरीके को अपनाना बहुत जरूरी है।
पिछले साल, भारत द्वारा क्षेत्र की विशेष संवैधानिक स्थिति को बदलने के बाद, गुटेरेस ने 1972 में किए गए शिमला समझौते का हवाला देते हुए एक बयान जारी किया, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार, जम्मू और कश्मीर की स्थिति शांतिपूर्ण तरीके से तय की जानी है। क्षेत्र पर संयुक्त राष्ट्र की स्थिति संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा लागू की जाती है।
बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे कि दोनों पक्षों के बीच विवादों को तृतीय पक्षों की भागीदारी के बिना द्विपक्षीय रूप से हल किया जाएगा।
SDJ-skp
WHO: कोविड-19 मामलों में 20 से कम उम्र के लोगों की भागीदारी 10 फीसदी से कम
विश्व स्तर पर, कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 20 वर्ष से कम आयु के रोगियों की 10 प्रतिशत से भी कम है, जबकि संक्रमण से होने वाली मौतों में उनकी हिस्सेदारी ०.२ प्रतिशत से कम है । हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने कहा कि बच्चों और किशोरों में इस गंभीर बीमारी और मौत के खतरे पर अभी और शोध किए जाने की जरूरत है ।
A girl physician from China has claimed that the coronavirus originated from Wuhan's authorities lab. According to Dr. Li Meng Yan, she was doing research on pneumonia inside the equal authorities lab in Wuhan from where the coronavirus originated. Yan has reiterated what US President Donald Trump has been pronouncing for months. Trump said in May - We will positioned the world's proof on the right time that Corona has pop out of Wuhan's lab and is a Chinese conspiracy.
I even have evidence of Wuhan
In a UK TV speak show, Yan stated - There is clinical proof that coronavirus originated from Wuhan's government lab. I can also show it. It was intentionally organized. Wuhan changed into the epicenter of this virus. There was additionally an attempt to disguise this conspiracy to misinform the arena.
Who is Doctor Meng
Doctor Li Meng Yan hails from Beijing. There are virologists and immunologists with the aid of career. She has additionally lived in Hong Kong. She got here to America from there. Yan said- When the coronavirus started out spreading, I informed my officer about it. The unique element is that those officers also are specialists in WHO, but they neglected my point. Everyone told me to shut up. I became even told that if I opened my mouth about this, I would disappear.
US claim seal
The US accused China of hiding the fact of the Wuhan lab. WHO is likewise helping on this. Trump also banned WHO investment. It still keeps. Yan claims that he had approached an American American of Chinese descent to bring this movement of the Xi Jinping authorities to the sector. According to Yan, this lab of Wuhan comes beneath the authority of the Chinese Army.
Yan said that she could soon produce proof approximately this Chinese plot. She is making ready a record in this regard.
You can also examine this information of China's conspiracy on Corona ...
Desh mein49 lakh ke paar pahuncha korona ka aankadaDesh mein forty nine lakh ke paar pahuncha korona ka aankada
India's #COVID19 case tally crosses 49-lakh mark with a spike of 83,809 new cases & 1,054 deaths in last 24 hours.
— ANI (@ANI) September 15, 2020
The total case tally stands at 49,30,237 including 9,90,061 active cases, 38,59,400 cured/discharged/migrated & 80,776 deaths: Ministry of Health & Family Welfare pic.twitter.com/il5RGbtiFG
गुड न्यूज़ आप सब के लिये : -
Bharat Biotech proudly announces the animal study results of COVAXIN™ - These results demonstrate the protective efficacy in a live viral challenge model.
— BharatBiotech (@BharatBiotech) September 11, 2020
Read more about the results here - https://t.co/f81JUSfWpD@icmr_niv #BharatBiotech #COVAXIN #Safety #Vaccine #SARSCoV2 pic.twitter.com/fva1SOcLOr
Tokyo, 12 septembar (IANS)
Samachar Xinhua kee riport mein kaha gaya ki yah bhookamp subah kareeb eleven.44 baje (sthaaneey samay ke anusaar) aaya. Isaka kendr 38.7 digree uttar akshaansh aur 142.4 digree poorv deshaantar par 40 kilometer kee gehrai mein darj kiya gaya.
Khabar likhe jaane tak bhookamp se kisee nukasaan kee ya hataahat hone kee jaanakaaree nahin milee hai.
Esadeeje-emenes
Nasa chata hai khudai krana Chand par
Nasa chaand kee mittee, chattaan aur kuchh any khanij khareedana chaahata hai. Isake lie amerikee spes ejensee ko kuchh kampaniyon kee talaash hai jo chaand par maining kar saken. Jald hee naasa isake lie tendar nikaalane ja raha hai. Is worldwide tendar mein dharatee ke kisee bhee kone se risarch karane vaalee kampaniyaan bhaag le sakatee hain.
Is muhim ke jarie naasa (neshanal eyaronotiks end spes edaministreshan) aakaashaganga sambandhee apanee laalasa ko kaanoon roop dena chaahata hai. Mishan ke lie chayanit kampanee ko moon ride ka kharch khud vahan karana hai. Vahaan se mittee ya chattaanon ke namoone ekatr karana hai. Naasa apane is prayaas ke jarie chaand par khanan ko lekar kaanoon taur par ek drshtaant prastut karana chaahata hai, taaki vah bhavishy mein vah chandrama kee sat se barph, heeliyam va any khanij padaarthon ke khanan ke lie adhikaar mil jae.
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darasal, yoonaited neshans aautar spes treetee oph 1967 ke antargat antariksh mein gatividhiyaan niyantrit kee jaatee hain. Isake tahat koee bhee desh sainy ya nyookliyar makasad se antariksh mein koee bhee gatividhi nahin kar sakata hai. Spes kisee bhee hisse mein kisee bhee desh kee samprabhuta nahin hai. Shaantipoorn uddeshyon ke lie hee spes mishan kee anumati hotee hai. Haalaanki treetee mein spes mainig sambandhee jikr nahin hai. Vaheen, naasa ke edaministretar jim braidenasteen ka kahana hai ki ab samay aa gaya hai ki spes ke sansaadhanon ke khanan aur vyaapaar ke lie regyuletaree bananee chaahie.
#Moon— CGTN (@CGTNOfficial) September 11, 2020
By 10 a.m., the fire had been extinguished. The cause of the incident is under investigation. pic.twitter.com/Mm2OoKc3UU
BREAKING: Massive explosion at a hotel in #Zhuhai, #China; many inured. pic.twitter.com/W2eCxU9Jev
— SV News (@SVNewsAlerts) September 11, 2020
Initial reports of an explosion at a hotel in Zhuhai, China. Via @IntelDoge
— Ian Miles Cheong (@stillgray) September 11, 2020
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Cheen par tanj
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जकार्ता, 8 सितम्बर (आईएएनएस)
इंडोनेशिया में मंगलवार को रिक्टर पैमाने पर 6.2 तीव्रता का भूकंप का झटका लगा। अधिकारियों ने कहा है कि अब तक किसी के भी हताहत होने या नुकसान होने की सूचना नहीं है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी की एजेंसी के हवाले से कहा गया है कि मलूकु और पश्चिम पापुआ प्रांतों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
सुबह 7.45 बजे आए भूकंप का केंद्र दक्षिण पूर्व मध्य मलूक जिले से 198 किमी दूर समुद्रतल के 93 किमी नीचे था।
अधिकारियों ने अभी तक सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की है।
दोनों प्रांतों की आपदा प्रबंधन एजेंसी के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में किसी नुकसान या हताहतों की सूचना नहीं थी।
मलूकु प्रांत की आपदा एजेंसी के सचिव ने सिन्हुआ को बताया, यहां झटके महसूस किए गए, लेकिन इससे डर पैदा नहीं हुआ। ना कोई इमारत क्षतिग्रस्त हुई है या ना कोई घायल हुआ है। लेकिन हम अभी भी जोखिमों की जांच कर रहे हैं।
पश्चिम पापुआ प्रांत के आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रमुख ने भी सिन्हुआ को बताया कि भूकंप के झटकों से मनोकवरी शहर और सोरोंग शहर में कोई नुकसान नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि इंडोनेशिया में अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं क्योंकि यह एक भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्र में आता है, जिसे द पैसिफिक रिंग ऑफ फायर कहा जाता है।
एसडीजे-एसकेपी.
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पहले जॉर्ज फ्लॉयड फिर जैकब ब्लेक। इन दो अश्वेतों के साथ पुलिसिया जुल्म का विरोध हुआ। अश्वेतों ने आरोप लगाया कि उनके साथ भेदभाव और जुल्म होता है। लोग सड़कों पर उतरे, हिंसा हुई और दंगे भी। लेकिन, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नजरिया दूसरा है। वे कहते हैं- अमेरिका में कोई नस्लवाद या रंगभेद नहीं है। अगर कुछ है तो श्वेत अमेरिकियों को लेकर गलत धारणा।
जैकब ब्लेक का नाम तक नहीं लिया
हाल ही में ट्रम्प केनोशा गए। यहां जैकब ब्लेक के साथ पुलिसिया जुल्म हुआ। ब्लेक अपाहिज हो चुके हैं। हैरानी की बात है कि ट्रम्प ने जैकब का नाम तक नहीं लिया। उल्टा पुलिस की तारीफ की, जिसे पुलिस ने सात गोलियां मारीं। ट्रम्प कहते हैं- अश्वेतों का मामला उछालकर अमेरिका के खिलाफ प्रोपेगंडा चलाया जा रहा है। ये मानसिक बीमारी जैसा है। इसे हम जारी नहीं रख सकते। फिर भी अगर ऐसा (नस्लवाद या रंगभेद) का कोई मामला सामने आता है, तो शिकायत कीजिए। जल्द एक्शन लिया जाएगा। मैं लिबरल्स के लिए सिर्फ दुख जता सकता हूं। संविधान की धारा 101 खत्म कर दी गई है।
पहले कभी ऐसा नहीं हुआ
अमेरिकी राजनीति में ऐसे पहले कभी नहीं कि कोई राष्ट्रपति साफ तौर पर खुद को सिर्फ श्वेत यानी व्हाइट अमेरिकियों का उम्मीदवार बता रहा हो। पिछले महीने रिपब्लिकन पार्टी के कन्वेंशन में यह दिखाने की कोशिश की गई जैसे अश्वेत और हिस्पैनिक ट्रम्प लगे नस्लभेद के आरोपों को खारिज कर रहे हैं। जबकि, यह ट्रम्प के एजेंडे में है। 2015 याद कीजिए। ट्रम्प ने कैम्पेन शुरू किया। मैक्सिको बॉर्डर क्रॉस करके आने वालों को रेपिस्ट्स करार दिया।
जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने की थी। ट्रम्प ने शुरू में तो इसकी निंदा की। लेकिन, बाद में वे पुलिस के साथ खड़े हो गए। उस पर लगाम लगाने से बचने की कोशिश की। जबकि, इस घटना के खिलाफ पूरे देश में हिंसा और प्रदर्शन हो रहे थे। फ्लॉयड की मौत के बाद ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ कैम्पेन चला। ट्रम्प ने इसे नफरत फैलाने वाली हरकत करार दिया। पुलिस को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।
फायदा भी हुआ
ये घटनाएं बताती हैं कि अपने बयानों और ट्वीट्स के जरिए ट्रम्प जो करना चाहते थे, उनमें कामयाब भी हुए। एक वर्ग है जो श्वेत अमेरिकियों को सबसे बेहतर मानता है। वो ट्रम्प के साथ हो गया। अश्वेतों के साथ हुई घटनाओं पर उन्होंने बहुत हल्का रवैया अपनाया। कहा- पुलिस ही क्यों। हर जगह कुछ गलत किस्म के लोग होते हैं। एक एक्सपर्ट शर्लिन आईफिल कहती हैं- ट्रम्प बेहद कट्टरपंथी हैं। इसके पहले कभी ये सब चीजें नहीं देखी गईं। लेकिन, यह खेल खतरनाक है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ट्रम्प का बचाव करती हैं। कैली मैकेनी ने कहा- राष्ट्रपति सबको बराबर मानते हैं। नस्लभेद का तो कोई सवाल ही नहीं है।
सर्वे कुछ और कहते हैं...
सीबीएस न्यूज ने पिछले हफ्ते एक पोल कराया। 66 फीसदी वोटर्स ने माना कि ट्रम्प श्वतों का समर्थन करते हैं। 50 फीसदी ने माना कि ट्रम्प ने अश्वेतों के खिलाफ काम किया। 81 फीसदी अश्वेत मानते हैं कि ट्रम्प ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। सर्वे में साफ तौर पर अश्वेत जो बाइडेन के साथ दिखे। इस बीच ट्रम्प के पूर्व वकील माइकल डी. कोहेन की किताब आई। उनके मुताबिक, 2016 में प्रचार के दौरान ट्रम्प ने कहा था कि अश्वेत उनका साथ नहीं देंगे।
ट्रम्प भी सियासत की नब्ज पहचानते हैं। अश्वेतों के बीच आधार मजबूत करने के लिए उन्होंने फुटबॉल स्टार हर्शेल वॉकर और पूर्व डेमोक्रेट सांसद वर्नेन जोन्स को अपने पक्ष में उतार दिया। ट्रम्प कहते हैं कि उन्होंने अश्वेतों के लिए किसी भी दूसरे अमेरिकी राष्ट्रपति से ज्यादा काम किया है।
कितने सही हैं ट्रम्प पर आरोप
ट्रम्प ने पिछले हफ्ते फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में नस्लवाद के आरोप खारिज कर दिए थे। डिस्कवरी इंस्टीट्यूट के टकर कार्लसन मानते हैं- ट्रम्प के श्वेत अमेरिकियों का समर्थन हासिल है। लेकिन, सभी का नहीं। नस्लवाद की मुद्दा जटिल है। अमेरिकी सरकार के विभागों में इसे आप महसूस कर सकते हैं। अब अमेरिकी सरकार इसे दूर करने के लिए स्टाफर्स को ट्रेनिंग देने जा रही है। केंद्र या ट्रम्प सरकार में ऑफिस मैनेजमेंट एंड बजट के डायरेक्टर रसेल टी. वॉट कहते हैं- सरकारी विभागों में नस्लवाद या रंगभेद के आरोप सिर्फ झूठ और प्रोपेगंडा के अलावा कुछ नहीं हैं। इस मुद्दे को गलत इरादे से उछाला जा रहा है। फिर भी अगर कुछ है तो इसके दूर करने के लिए कदम उठाएंगे। अमेरिका के विकास में अश्वेतों का बड़ा योगदान है।
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