अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट की नई जज एमी कोने बैरेट की नियुक्ति पर विवाद जारी है। बैरेट को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सुप्रीम कोर्ट के 9वें जज के रूप में नियुक्त किया है। इसको लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स और साइना कॉलेज द्वारा किए गए एक सर्वे में शामिल 56% अमेरिकी लोगों का मानना है कि चुनाव बाद नई सरकार को नौवें जज की नियुक्ति करनी चाहिए थी।
वहीं 41% ने कहा कि ट्रम्प द्वारा नए जज की नियुक्ति सही है। सर्वे में 50% वोटरों ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन नए जज चुनने के लिए ज्यादा सक्षम नेता हैं। जबकि ट्रम्प को 43% लोगों ने योग्य बताया।
विपक्ष लगातार एमी कोने का विरोध कर रहा
सुप्रीम कोर्ट की जज रूथ ग्रिन्सबर्ग का पिछले हफ्ते निधन हो गया था। उनकी जगह ट्रम्प ने विपक्षी दलों के तमाम विरोधों के बावजूद एमी कोने बैरेट को सुप्रीम कोर्ट का नवां जज नियुक्त कर दिया है। अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जब चुनाव के महज 39 दिन पहले सरकार ने किसी नए जज का नाम फाइनल किया हो। आमतौर पर चुनावी साल में जुलाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के किसी जज की नियुक्ति नहीं की जाती।
विपक्ष का आरोप, सुप्रीम कोर्ट को खुद के कब्जे में रखना चाहते ट्रम्प
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि ट्रम्प सुप्रीम कोर्ट को अपने कब्जे में करना चाहते हैं ताकि चुनाव उलझने की स्थिति में अपने हिसाब से निर्णय को प्रभावित कर सकें। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में 9 जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त अगर इनकी राय 4-4 में बंट जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है। चूंकि जज राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है तो माना ये जाता है कि वो सरकार के पक्ष में ही फैसला देगा। लोग इसीलिए ट्रम्प द्वारा नए जज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं।
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