दक्षिण चीन सागर पर चल रहे विवाद पर ताइवान को हर मुमकिन मदद का वादा कर चुके अमेरिका ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी। डोनाल्ड ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन में अंडर सेक्रेटरी कीथ क्रेच गुरुवार देर रात ताइवान की राजधानी ताइपेई पहुंचे। खास बात यह है कि उनके इस दौरे की जानकारी पहले नहीं दी गई थी। दो महीने में किसी आला अमेरिकी अफसर की यह दूसरी ताइवान यात्रा है। चीन इससे झुंझला गया है। उसने कहा- अमेरिका भड़काने वाली हरकतें कर रहा है।
कीथ की यात्रा के अहम मायने
1979 के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिका के सेक्रेटरी लेवल के अफसर ताइवान पहुंच रहे हैं। सीएनएन के मुताबिक, इसके पहले तक ताइवान और अमेरिका के डिप्लोमैटिक रिलेशन्स तो थे, लेकिन इस स्तर के अधिकारी अमेरिका ताइवान नहीं भेजता था। साउथ चाइना सी में चीन कई छोटे देशों को धमका रहा है। अमेरिका ने अब उसे कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर जवाब देने की तैयारी कर ली है।
कीथ की यात्रा इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि उन्हें मिलिट्री स्ट्रैटेजिस्ट भी माना जाता है। हालांकि, फिलहाल उनके पास एनर्जी और एनवॉयरमेंट डिपार्टमेंट्स हैं। कीथ के पहले अगस्त के आखिरी हफ्ते में हेल्थ और ह्यूमन सर्विस सेक्रेटरी एलेक्स अजार ताईपेई पहुंचे थे। तब ट्रम्प ने कहा था- हम यह बता देना चाहते हैं कि ताइवान को अमेरिकी मदद हर हाल में मिलेगी। उसको किसी के दबाव में आने की जरूरत नहीं है।
चीन परेशान
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1949 में ताइवान चीन से अलग होकर अलग देश बना। गृहयुद्ध के हालात में हजारों लोग मारे गए। 1979 में अमेरिका और चीन के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन शुरू हुए। अमेरिका ने 41 साल में कभी कोई सेक्रेटरी लेवल का अफसर ताइवान नहीं भेजा। लेकिन, बीते दो महीनों में इस स्तर के दो अफसर ताइवान पहुंचे हैं। इसका मतलब ये हुआ कि अमेरिका अब इस क्षेत्र में चीन के दबदबे को ताइवान के जरिए सीधी चुनौती दे रहा है।
ली से चीन को नफरत
कीथ आज ताईपेई में होने वाले देश के पूर्व राष्ट्रपति ली तेंग के स्मारक के उद्धाटन समारोह में हिस्सा लेंगे। ली का जुलाई में 97 साल की उम्र में निधन हो गया था। चीन ली को दुश्मन नंबर 1 मानता है क्योंकि उन्होंने ही ताइवान को चीन से अलग करने में अहम भूमिका निभाई थी। चीन मामलों के एक्सपर्ट यिनान हे कहती हैं- अमेरिका ने चीन को सीधा चैलेंज दिया है। इसके नतीजे क्या होंगे। यह देखना होगा।
चीन ने क्या कहा?
कीथ की ताइवान यात्रा पर चीन ने गुरुवार रात ही प्रतिक्रिया दी। विदेश विभाग के प्रवक्ता वांग वेबिन ने कहा- अमेरिका और ताइवान को फौरन अफसरों की यात्राओं पर रोक लगाना चाहिए। हम इसे भड़काउ कार्रवाई के तौर पर देख रहे हैं।
दक्षिण चीन सागर में चीन ताइवान पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। कीथ की यात्रा के सिर्फ 24 घंटे पहले चीन के दो फाइटर जेट ताइवान की सीमा में घुसे थे। हालांकि, इसी दौरान ताइवान के दो एयरक्राफ्ट्स ने भी इनको रोकने के लिए उड़ान भरी। कुछ देर में चीन के लड़ाकू विमान लौट गए।
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