अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन और उनके बेटे रॉबर्ट हंटर बाइडेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच हुई। दोनों बेगुनाह पाए गए। खास बात ये है कि यह जांच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर्स ने की। एक मामला यूक्रेन की कंपनी से जुड़ा था। इसमें हंटर काम कर चुके हैं। आरोप है कि जो बाइडेन ने उप राष्ट्रपति रहते हुए इस कंपनी के गलत कामों को दबा दिया था। हालांकि, रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर्स की जांच में वे बेगुनाह पाए गए।
रॉबर्ट ने फायदा नहीं उठाया
हंटर पर आरोप था कि पिता के उप राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने उनके नाम का बेजा इस्तेमाल आर्थिक लाभ कमाने के लिए किया। हंटर बुरिस्मा होल्डिंग्स नाम की एक यूक्रेनियन कंपनी से जुड़े थे। इस पर करप्शन के आरोप लगे थे। मामले की जांच होमलैंड सिक्योरिटी और फाइनेंस से जुड़ी सीनेट कमेटी ने की। बुधवार को इसने 87 पेज की रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया है कि सीनियर बाइडेन के खिलाफ पद के गलत इस्तेमाल के कोई सबूत नहीं मिले हैं। गवाहों ने भी इन आरोपों को खारिज कर दिया।
सबूत न होने की बात खुद ही मान ली
सीनेट पैनल के चेयरमैन रॉन जॉनसन ने रिपोर्ट में थोड़ा सियासी रंग जरूर डाल दिया। कहा कि सीनियर बाइडेन उपराष्ट्रपति के तौर पर अपने काम को सही तरीके से अंजाम नहीं दे पाए। रिपोर्ट जारी होने के काफी पहले ही जॉनसन ने एक इंटरव्यू में माना था कि जांच में कुछ विस्फोटक नहीं मिला। जॉनसन और उनके सहयोगी चार्ल्स ग्रेसले ने स्टेट डिपार्टमेंट से बाइडेन और उनके बेटे की ट्रांजेक्शन रिपोर्ट्स तलब की थीं।
सवाल इसलिए भी उठे
रिपोर्ट का एक हिस्सा कहता है- हंटर बाइडेन जिस वक्त यूक्रेन की कंपनी के बोर्ड में थे, तब उन्हें अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की तरफ से सिक्योरिटी कवर मुहैया कराया जा रहा था। ये इसलिए था क्योंकि उनके पिता उप राष्ट्रपति थे। ओबामा प्रशासन ये जानता था कि बाइडेन के बेटे बुरिस्मा कंपनी के बोर्ड में हैं और इसके चलते सरकार यूक्रेन पर नीतियों को सही तरीके से लागू नहीं कर पा रही थी। बाइडेन के चुनाव प्रचार से जुड़े एक प्रवक्ता टिम मुर्टाग कहते हैं- ट्रम्प कैम्पेन दावा कर रहा था कि बहुत बड़ी धांधली हुई है। इसकी रकम सात अंकों में हो सकती है। चीन और रूस का नाम भी लिया जा रहा था। राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा बताया जा रहा था। ऐसा तो कुछ नहीं हुआ और न जांच में ये बातें सामने आईं।
अपने हिसाब से दलीलें दे रहे हैं रिपब्लिकन
इस मामले की रिपोर्ट सामने आने के बाद रिपब्लिकन उन हिस्सों का ही जिक्र कर रहे हैं, जिनमें मामूली गलतियां बताई गई हैं। 10 लोगों की गवाही हुई थी। इसमें साफ हो गया कि बाइडेन और उनके बेटे ने अमेरिकी नीतियों का उल्लंघन नहीं किया। डेमोक्रेट्स कहते हैं- बाइडेन या उनके बेटे ने अमेरिका की फॉरेन पॉलिसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। कमेटी के चेयरमैन जॉनसन ने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया। इसके जरिए वे ट्रम्प को फायदा पहुंचाना चाहते हैं।
क्या अमेरिकी हितों को नुकसान हुआ
रिपोर्ट में एक मुद्दे को उठाया गया है। इसके मुताबिक, हंटर के बुरिस्मा बोर्ड में रहने से अमेरिकी डिप्लोमैट्स के सामने मुश्किलें खड़ी हो गईं थीं। 2015 और 2016 के दौरान स्टेट डिपार्टमेंट के अफसरों ने यूक्रेन को लेकर बनाई गई पॉलिसी में इसका जिक्र किया था। आरोप है कि जूनियर बाइडेन के वजह से अफसर यूक्रेन के खिलाफ एंटी करप्शन मामले में सख्त रवैया नहीं अपना सके।
डेमोक्रेट्स अब इस मामले की जांच बंद करने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इस मामले में रूस का हाथ हो सकता है। हालांकि, सीनेट कमेटी के चेयरमैन अपनी रिपोर्ट को निष्पक्ष बताते हैं। इस मामले को लेकर रिपब्लिकन भी एकमत नहीं हैं। सीनेटर मिट रोमनी कहते हैं- यह सब सियासी ड्रामा है। जनता के पैसे का इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने में किया जाना गलत है। टैक्सपेयर्स का पैसा राजनीतिक विरोधियों की इमेज खराब करने में इस्तेमाल करना सही नहीं है।
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