दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.99 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 98 लाख 75 हजार 358 हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 11.14 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बीच संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को यहां 68 हजार नए मामले सामने आए। लंदन में लोग प्रतिबंध लगते ही सड़कों पर उतर आए।
लंदन में विरोध प्रदर्शन
बोरिस जॉनसन सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए नए प्रतिबंधों का ऐलान किया। लंदन में इसके खिलाफ शनिवार को विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए। हालांकि, पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों की तादाद काफी कम थी और इनमें से ज्यादातर नशे में थे। सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि यूरोप में बिगड़ते हालात को देखते हुए सख्ती के अलावा अब कोई उपाय नहीं बचा है। ब्रिटेन के कई हिस्सों में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। यहां सभी बार, पब और रेस्टोरेंट्स अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं।
अमेरिका में संक्रमण खतरनाक स्तर पर
शु्क्रवार को अमेरिका में करीब 68 हजार नए मामले सामने आए। जुलाई के बाद यह एक दिन में संक्रमण का सबसे बड़ा आंकड़ा है। राष्ट्रपति चुनाव अब महज दो हफ्ते दूर है। ऐसे में बढ़ते मामले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुश्किलों में इजाफा कर सकते हैं। इसके पहले 31 जुलाई को 68 हजार मामले सामने आए थे। अगस्त और सितंबर में मामले कम हुए थे। लेकिन, अक्टूबर में संक्रमण की दूसरी लहर सामने आई। पिछले हफ्ते औसतन यहां 55 हजार मामले रोज मिले। सितंबर की तुलना में यह 60 फीसदी ज्यादा है।
यूरोपीय देशों में दहशत
यूरोपीय देशों में संक्रमण की दूसरी लहर घातक साबित हो रही है। फ्रांस में तो परेशानी बेहद ज्यादा है। यहां तीन हफ्ते में करीब चार लाख नए संक्रमित पाए गए हैं। हालात ये हैं कि अस्पतालों में 70 फीसदी आईसीयू फुल हैं। पहली बार देखा गया है कि युवा भी वायरस की चपेट में आ रहे हैं। पेरिस समेत देश के 9 बड़े शहरों में रात का कर्फ्यू लगाया जा चुका है। चेक रिपब्लिक, बेल्जियम, जर्मनी, इटली और नीदरलैंड्स में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इटली सरकार ने साफ कर दिया है कि हालात को काबू में रखने के लिए हर तरह के उपाय किए जाएंगे। सरकार ने लोगों से भी सहयोग मांगा है।
विरोध के बाद राहत
इजराइल में नेतन्याहू सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। सरकार ने संक्रमण पर काबू पाने के लिए देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाया है, लेकिन लोग इसका पालन करने को तैयार नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल के कई शहरों में लोगों ने लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन किए। इन लोगों का आरोप है कि मार्च के बाद से उनकी जिंदगी पर बुरा असर पड़ा है। कुछ सामाजिक संगठनों ने कहा है कि सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा देश के लोगों पर फोड़ना चाहती है। सरकार ने दबाव में कुछ राहत देने का फैसला किया है। कुछ उपायों की घोषणा आज की जा सकती है।
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