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उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने 10 अक्टूबर को अपनी वर्कर्स पार्टी के 75वें स्थापना दिवस को ऐतिहासिक बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। बीते दो महीने की सैटेलाइट तस्वीरों में प्योंगयांग में हजारों सैनिकों और बख्तरबंद सैन्य वाहनों का मूवमेंट और नया निर्माण कार्य देखा गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए किम जोंग उन अपनी सैन्य शक्ति दिखाकर इस मौके को भुनाना चाहेंगे। इस मौके पर उत्तर कोरिया पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर सकता है। नॉर्थ कोरिया सरकार प्रशांत महासागर क्षेत्र में बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता वाला पोत तैनात कर हवाई या अन्य अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाने पर लेना चाहती है।
यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए एक तरह का सरप्राइज होगा। क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति अब तक किम जोंग उन को परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए राजी करने के लिए तीन बार मिल चुके हैं। उधर, अमेरिका ने भी चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह हथियारों की तैनाती तनाव बढ़ाएगी।
लीडरशिप को सैन्य ताकत से सार्वजनिक करते हैं
सियोल की ट्राय यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशन्स के प्रोफेसर डैन पिंक्सटन कहते हैं कि उत्तर कोरिया के इतिहास में वर्षगांठ बेहद अहम तारीखें होती हैं। इन दिनों में प्योंगयांग के शासक अपनी लीडरशिप को सैन्य ताकत से सार्वजनिक करते हैं। सैटेलाइट से बचाने के लिए इन हथियारों को टेंट में रखा गया है। इसी तरह यहां कई गैराज बनाए गए हैं।
उनका कहना है- कुछ ढांचे ऐसे दिख रहे हैं, जिनमें लंबी दूरी की मिसाइलें लॉन्च करने वाले ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर (टीईएल) रखे गए हैं। दक्षिण कोरिया के दक्षिणी कमांड के सैन्य अधिकारी वोन इन चुल ने बताया कि सिन्पो शिपयार्ड में रिपेयरिंग का काम तेजी से चल रहा है। यह उत्तर कोरिया की पनडुब्बियों का घर है। जब यह काम पूरा हो जाएगा, तब पड़ोसी बैलिस्टिक मिसाइल एसएलबीएम का परीक्षण कर सकता है।
परेड में नए हथियार शामिल करेंगे
साउथ कोरिया के पूर्व राजनयिक और सीनियर इंटेलीजेंस अफसर रॉ जोंग यिल कहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को भी अब एक महीने से कम वक्त रह गया है। वे बिल्कुल अपने नए हथियार इस परेड में शामिल करेंगे। क्योंकि वो जानते हैं कि दुनिया उन्हें देख रही है। इस परेड के जरिए दक्षिण कोरिया के लिए उनका संदेश होगा कि वे लगातार अपनी सैन्य और न्यूक्लियर ताकत बढ़ा रहे हैं।
उनका कहना है- अमेरिका और यूएन के लिए संदेश होगा कि अब समय उत्तर कोरिया के पक्ष में है। वे संदेश दे रहे हैं कि सारी पाबंदियों और उससे पैदा हुई दिक्कतों के बावजूद वो अभी भी नए और आधुनिक हथियार बना पा रहे हैं। चाहे उन्हें किसी भी खतरे से डराया जाए, वे अपने रास्ते से नहीं हटेंगे। इससे अमेरिका में संदेश जाएगा कि ट्रम्प और किम जोंग की मुलाकातें निष्प्रभावी रहीं और इससे ट्रम्प की कमजोर छवि उभर सकती है।
नया इंफ्रास्ट्रक्चर और सैनिकों का भारी मूवमेंट
38 नॉर्थ नाम की वेबसाइट में 6 अक्टूबर को कुछ नई सैटेलाइट इमेज प्रकाशित हुई हैं। इन तस्वीरों में सैकड़ों गाड़ियां ग्राउंड के पास पार्क की गई थीं। तस्वीरों में सैकड़ों सैनिकों का मार्चपास्ट भी देखा गया है। हाल के महीनों में मिरिन ग्राउंड में कई ढांचागत विकास के काम पूरे किए गए हैं। इस ग्राउंड में अक्सर बड़े टैंक, आर्टिलरी यूनिट और मिसाइल लॉन्चर की भीड़ देखी जाती है।
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