डिजिटल डेस्क, बीजिंग। कोरोना वायरस को लेकर चीन पर उंगली उठने का सिलसिला जारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य आपातकालीन कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रयान ने 23 नवंबर को न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना वायरस संभवत: बहुत पहले ही दुनिया के विभिन्न स्थलों में फैल चुका था और बहुत से लोग शायद विभिन्न समय पर संक्रमित भी हो चुके थे।
डॉ. रयान ने कहा कि और अधिक सूचना से जाहिर है कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया में मौजूद है। शोधकतार्ओं ने हाल में चमगादड़ के शरीर में यह वायरस पाया है। अन्य जगहों पर वायरस के संभावित स्रोत भी पाये गये हैं। अब तय नहीं कर सकते हैं कि मनुष्य या फिर जानवर, किसने कोरोनावायरस का प्रसार किया है, बस वायरस वुहान के समुद्री भोजन बाजार में पाया गया है।
महामारी फैलने की शुरुआत में वुहान और हूपेई प्रांत की आलोचना काफी तीव्र थी। यहां तक कि कुछ देशों ने कोरोना वायरस को वुहान वायरस भी करार दिया और बारंबार चीन पर हमला बोला। लेकिन चाहे वह इटली, स्पेन या फ्रांस हो, वायरस सितंबर 2019 से पहले के रक्त, अपशिष्ट जल या रोग के मामलों में पाया गया है। इन निर्णायक सबूतों को देखने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अंतत: पुष्टि की कि कोरोना वायरस वुहान से नहीं आया है।
वुहान ने सबसे पहले वायरस का पता लगाया
अब डब्ल्यूएचओ का फैसला आ चुका है। वुहान ने बस सबसे पहले वायरस का पता लगाया और सबसे पहले रिपोर्ट की। इससे न सिर्फ साबित हुआ है कि वुहान निर्दोष है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि कुछ देशों ने बुरी मंशा के साथ चीन पर कालिख पोती और महामारी का राजनीतिकरण किया।
प्रयोगशाला में नही बनाया गया कोरोना
अधिकारी ने कहा कि कई अध्ययनों से साबित हुआ है कि कोरोना वायरस प्रयोगशाला में नहीं बनाया गया है और कृत्रिम वायरस कतई नहीं है। अमेरिकी वैज्ञानिकों के अध्ययन से जाहिर है कि कोरोना वायरस प्रकृति में पैदा हुआ है। अमेरिका के तूलेन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रॉबर्ट गैरी ने विज्ञान जर्नल प्राकृतिक चिकित्सा पर थीसिस जारी कर कहा कि वुहान में कोविड-19 मामले हैं, लेकिन यह पक्का है कि वहां महामारी का स्रोत नहीं है।
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर चीन पर लगातार सवाल उठते हैं। पहला मामला यही सामने आया था और फिर वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। बाद में चीन ने तो इस पर काबू पा लिया लेकिन अमेरिका, भारत सहित दुनिया के तमाम बड़े-छोटे देश कोरोना की मार झेलते रहे। इस लेकर अमेरिका ने चीन के खिलाफ बेहद आक्रामक रुक भी अपनाया। अमेरिकी राष्ट्र्पति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ से देश को अलग भी कर लिया।
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