116 साल में पहली बार इलेक्शन डे पर अमेरिका को राष्ट्रपति नहीं मिल सका। काउंटिंग जारी है। कांटे के मुकाबले में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन जीत की तरफ बढ़ रहे हैं। वे 227 इलेक्टोरल मत सुनिश्चित कर चुके हैं और 43 इलेक्टोरल वाले 4 राज्यों में आगे चल रहे हैं। वहीं, राष्ट्रपति ट्रम्प 213 इलेक्टोरल मत हासिल कर चुके हैं और 4 राज्यों में आगे चल रहे हैं, जहां 54 इलेक्टोरल वोट हैं।
व्हाइट हाउस पहुंचने के लिए 270 इलेक्टोरल मत की जरूरत है। इस तरह 2000 के बाद यह सबसे नजदीकी मुकाबला होता दिख रहा है। उस वक्त जॉर्ज डब्ल्यू बुश 271 इलेक्टोरल मत पाकर राष्ट्रपति बने थे। अब तक हुई मतगणना के मुताबिक ट्रम्प को 48.02% और बाइडेन को 50.1% वोट मिले हैं। हालांकि 4 स्विंग स्टेट्स पेन्सिलवेनिया, जॉर्जिया, विस्कॉन्सिन और नॉर्थ कैरोलिना में डाक द्वारा भेजे गए मतों की काउंटिंग रुकने से चुनाव प्रक्रिया में बाधा पहुंची है। इन राज्यों में डाक से भेजे गए 80 लाख मतों की गिनती से पहले ही ट्रम्प ने अपनी जीत का ऐलान कर दिया।
ट्रम्प ने कहा, कोर्ट जाएंगे, बाइडेन बोले- मुकाबला करेंगे
डाक द्वारा भेजे गए वोटों को धांधली बताते हुए ट्रम्प ने कोर्ट जाने की बात कही। ट्रम्प ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा- ‘समय खत्म होने के बाद वोटिंग जारी रखकर मतगणना में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है। यह अमेरिकी जनता से धोखा है। हम अब वोटिंग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। हम उन्हें सुबह 4 बजे तक किसी भी मतपत्र को खोजने और उन्हें सूची में शामिल नहीं करने देना चाहते, जहां तक मेरा सवाल है, हम पहले ही जीत चुके हैं।’ मतगणना के बीच बाइडेन और ट्रम्प के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग जारी रही।
उधर, बाइडेन ने कहा- ‘भरोसा रखिए, हम चुनाव जीतने जा रहे हैं।’ ट्रम्प ने दोपहर करीब 12 बजे लिखा- वह जीत का ऐलान करने वाले हैं। इस पर बाइडेन ने लिखा- विजेता के ऐलान का अधिकार मुझे या ट्रम्प को नहीं, बल्कि जनता को है। इसके बाद ट्रम्प ने डेमोक्रेट्स खेमे पर चुनावी धांधली के आरोप लगाने शुरू कर दिए।
पोस्ट पोल सर्वे : 64% युवा और 57% महिलाओं ने बाइडेन को वोट किया
वोटिंग के बाद हुए पोल के मुताबिक 64% युवाओं और 57% महिलाओं ने बाइडेन को वोट दिया। यहीं नहीं ट्रम्प की अप्रवासी नीति के विरोध में 87% अश्वेतों और 64% एशियाई मूल के लोगों ने बाइडेन को वोट देकर उनकी जीत की राह को आसान बना दिया है।
भारतीयों की आबादी वाले छह में से 5 राज्यों में बाइडेन की पार्टी को जीत मिली है। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए भारतीय मूल के चार उम्मीदवार डॉ. अमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति ने जीत हासिल की है। वहीं न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली से मीरा नायर के बेटे जोहरान ने जीत हासिल की है।
4 अहम सवाल: राष्ट्रपति का रास्ता कैसे साफ होगा?
1. इलेक्शन नाइट पर अमेरिका को राष्ट्रपति क्यों नहीं मिल सका?
आठ राज्यों के नतीजे रुके हुए हैं। चार राज्यों में डाक से भेजे गए वोट गिनती में नहीं लाए गए। इस बार कोरोना की वजह से 6.5 करोड़ मेल इन वोट पड़े हैं, जो ज्यादातर बाइडेन के हैं। क्योंकि, पार्टी ने जल्दी वोटिंग के लिए चुनावी कैंपेन चलाया था। इन सभी वोटों की गिनती अभी पूरी नहीं हुई है।
2. क्या सभी राज्यों में नतीजे आने के बाद ही राष्ट्रपति तय होगा?
आधिकारिक तौर पर तो ऐसा ही होगा। लेकिन, अगर कोई नेता 270 का आंकड़ा पूरा कर लेता है तो उसे पहले ही विजेता घोषित किया जाता रहा है। हालांकि, उसके बाद भी मतगणना जारी रहती है, जो सिर्फ औपचारिकता है। लेकिन, इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा, क्योंकि टक्कर कांटे की है।
3. तो फिर नतीजा कब आएगा, शपथ तो 20 जनवरी को हो जाएगी न?
ट्रम्प ने डाक से आए मतों को फर्जी बताया है। मामला अब कोर्ट जाएगा। वहां चर्चा इस बात की होगी कि 3 तारीख के बाद डाक से प्राप्त होने वाले वोटों की गिनती होनी चाहिए या नहीं? कोर्ट में केस चलेगा तो फैसला आने तक चुनाव का नतीजा अटका रह सकता है। 20 जनवरी से पहले फैसला आ सकता है।
4. अगर चुनाव का परिणाम बराबर रहा तो फिर क्या होगा?
दोनों उम्मीदवारों को 269-269 वोट मिले, इसकी संभावना कम है। इस सूरत में प्रतिनिधिसभा नया अध्यक्ष चुनेगी। नए सदस्य राष्ट्रपति चुनेंगे। इसमें सभी 50 राज्य एक-एक वोट कर पाएंगे। अगर 25-25 पर टाई होता है तो तब तक दोबारा वोटिंग होती रहेगी, जब तक स्पष्ट नतीजा नहीं आ जाता।
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