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बिना नंबर टीका लगवा रहे लोग, स्वास्थ्य कर्मियों में रोष; कई टीकाकरण सेंटर पर नहीं हो रही निगरानी

अमेरिका में कोरोना टीकाकरण शुरू हो गया है। पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों, एसेंशियल वर्कर्स और बुजुर्गों को टीका दिया जा रहा है। हालांकि, कई सेंटर से ऐसी शिकायतें आने लगी हैं कि वे लोग भी लाइन तोड़कर शामिल हो जा रहे हैं जो प्राथमिकता सूची में शामिल नहीं हैं।

न्यूयॉर्क के सबसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में से एक मॉर्गन स्टेनली चिल्ड्रेन अस्पताल में यह खबर फैली कि नौवीं मंजिल पर लाइन में लगे लोगों की निगरानी नहीं हो रही है। इसमें कोई भी शामिल होकर टीके लगवा रहा है। इस तरह के वाकये अमेरिका में कई अन्य टीकाकरण सेंटर से भी आई है।

सरकार के नियमों के मुताबिक सबसे ज्यादा खतरे में मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारी को पहले टीका दिया जा रहा है। लेकिन, कई ऐसे लोग कतार में खड़े हो जा रहे हैं जिन्होंने महामारी में ज्यादातर समय वर्क फ्रॉम होम करते हुए बिताया है। जिन अस्पतालों में ऐसे मामले आए हैं वहां के प्रबंधन ने इसके लिए माफी मांगी है। लोगों में ऐसी घटनाओं को लेकर काफी आक्रोश है। लोगों ने ऐसे मामलों की जांच किए जाने और दोषियों को सजा देने की मांग की है।

मीडिया को जानकारी देने पर अस्पताल दे रहे हैं जॉब से निकालने की धमकी
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कई अस्पतालों के डॉक्टर और नर्सों से बातचीत की। इन्होंने वैक्सीन वितरण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, कोई अपना नाम सार्वजनिक नहीं करना चाह रहा है। सूत्रों के मुताबिक अस्पतालों ने इस बारे में कुछ भी बोलने पर कर्मचारियों को जॉब से निकालने की चेतावनी दी है। कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि उन्हें इसके बारे में तब पता, जब उन्होंने देखा कि उनके ही कई सहयोगी जो इस लिस्ट में नहीं थे टीका लगवाते अपनी तस्वीर पोस्ट करने लगे।

दुनिया में संक्रमितों की संख्या 8 करोड़ पार, इनमें एक चौथाई से ज्यादा एक्टिव
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या 8 करोड़ के पार हो गई। वहीं, मौजूदा एक्टिव केस 2.2 करोड़ हैं। यानी एक्टिव केस कुल मामलों का 27 फीसदी हैं। 75 लाख से ज्यादा एक्टिव मामले तो सिर्फ अमेरिका में हैं। भारत में एक्टिव केस 2.82 लाख ही हैं। फ्रांस में करीब 25 लाख संक्रमितों में 22 लाख एक्टिव मामले हैं। अमेरिका में गुरुवार को 1.93 लाख मामले सामने आए। इस दिन वहां 2,836 लोगों ने जान गंवाई।

52 वर्षीय डॉक्टर की मौत, लगाया था नस्लभेद का आरोप

अमेरिका के इंडियानापोलिस में 52 वर्षीय अश्वेत डॉक्टर की कोरोना के कारण मौत हो गई। उनका नाम डॉ. सूसन मूरे था। उन्होंने दो हफ्ते पहले एक वीडियो जारी किया था। उसमें कहा था- अस्पताल के श्वेत डॉक्टर ने यह मानने से इनकार कर दिया कि मुझे सांस लेने में दिक्कत है।



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मैक्सिको में भी टीकाकरण का आगाज हो गया।


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