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मोदी जी ने कहा- संयुक्त राष्ट्र भरोसे के संकट से जूझ रहा है, बड़े सुधारों के बिना मौजूदा चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर सकता



 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) विश्वास के संकट का सामना कर रहा है और इस पर ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री ने चार मिनट के वीडियो संदेश में यह बात कही। यह संदेश संयुक्त राष्ट्र महासभा की 75 वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को सुबह तीन बजे संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय से लाइव प्रसारण में बदल गया ।


मोदी का यह संदेश पहले से रिकॉर्ड में बदल गया। उंहोंने कहा, "हम पुराने गैजेट के साथ नवीनतम मांग स्थितियों को पूरा नहीं कर सकते । यदि आवश्यक सुधार अब नहीं होते हैं, तो संयुक्त राष्ट्र में विश्वास क्षीण होने का खतरा है । उन्होंने कहा कि आधुनिक समय का ग्लोबल आपस में जुड़ा हुआ है, इसलिए हमें एक बहुपक्षीय गैजेट की जरूरत है जिसमें आज का तथ्य देखा जाए तो सभी की आवाज सुनी जाती है, जो वर्तमान समय से मांग करने वाली स्थितियों के साथ पेश हो और मानव कल्याण की विशेषता बना रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस राह पर सभी देशों के साथ सामूहिक रूप से पेंटिंग करने के लिए तैयार है ।

मोदी जी यूएन की तारीफ भी की


मोदी ने यूएन को आईना की पुष्टि की और इसकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भारत के विचारण वासुधिव कुटुंबकम पर विचार किया है। यह सोच इस क्षेत्र को अपने परिवार के रूप में देखने के बारे में है । आज संयुक्त राष्ट्र के कारण दुनिया एक बेहतर स्थान है । हम उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने शांति और विकास के लिए परिश्रम किया । भारत ने इस पर आगे योगदान दिया।


मोदी ने कहा, आज हम जो पेंटिंग्स कर रहे हैं, वे साधारण हो रहे हैं, लेकिन लड़ाई को रोकने, विकास का निर्धारण, मौसम परिवर्तन, असमानता कम करने और डिजिटल पीढ़ी का लाभ लेने जैसे मुद्दों पर अधिक चित्रों की इच्छा है ।

महासभा का स्पेशल सेशन शुरू


संयुक्त राष्ट्र की ७५वीं वर्षगांठ पर एक अनूठे सत्र का उल्लेख किया गया है । इसकी वर्चुअल असेंबली सोमवार से शुरू हो गई है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र के आवेदन कोरोना महामारी की वजह से आभासी जा रहे हैं । इसमें सभी राष्ट्रों के प्रमुख वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कलेक्शन से निपटेंगे।

भारत यूएन सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है


भारत इस वर्ष जून में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में निर्वाचित हुआ । महासभा के भीतर कंबल वाले १९३ अंतरराष्ट्रीय स्थानों में से १८४ अंतरराष्ट्रीय स्थानों ने भारत का समर्थन किया । भारत को 2 साल के लिए प्रोविजनल मेंबर चुना गया है। आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे को भारत के साथ-साथ अनंतिम योगदानकर्ता चुना गया । भारत 1950-51, 1967-68, 1972-७३, 1977-७८, 1984-८८, 1991-92 और 2011-12 में संयुक्त राष्ट्र महासभा का पहले से निर्वाचित अनंतिम सदस्य था ।

मित्रों इस विडिओ को भी देखे और जय हिंद बोलिये : 


सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 15 देशों की पूरी तरह से काम कर रहे हैं । इसमें पांच स्थायी योगदान है। ये अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन हैं। 10 देशों को अस्थायी क्लब दिया गया था । हर 12 महीने में पांच अस्थायी व्यक्ति चुने जाते हैं । क्षणिक योगदानकर्ताओं का कार्यकाल वर्षों का होता है।


प्रधानमंत्री मोदी ने यूएन की तारीफ भी की। उन्होंने कहा- यूएन ने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की सोच को दर्शाया है। -फाइल फोटो



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